Gramodyog Vikas Yojana (GVY) के तहत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों को बेहतर कौशल और आधुनिक उपकरणों की मदद से उनकी आजीविका में सुधार करना है।
GVY Highlights
Gramodyog Vikas Yojana – उद्देश्य
- तकनीकी ज्ञान बढ़ाना: मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों को नए और उन्नत तकनीकी ज्ञान दिया जाएगा ताकि वे बेहतर तरीके से काम कर सकें और उनकी उत्पादन लागत कम हो सके।
- कौशल विकास प्रशिक्षण: कारीगरों को आधुनिक और स्वचालित उपकरणों के साथ काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और वे अधिक उत्पादक हो सकेंगे।
- विशेष उत्पादों पर ध्यान: जैसे उद्यान गमले, कुल्हड़, और सजावटी उत्पाद। इन पर कारीगरों के स्व-सहायता समूहों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इन उत्पादों को और बेहतर बना सकें।
- पीएमईजीपी स्कीम: जो कारीगर मिट्टी के बर्तन बनाने में सफल हैं, उन्हें अपनी इकाई स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- बाजार से जुड़ाव: कारीगरों के उत्पादों के लिए निर्यात और बड़े खरीदार घरानों से जोड़ने के लिए मार्केट लिंकेज (बाजार से जुड़ाव) विकसित किया जाएगा।
- नए उत्पाद और कच्चे माल: मिट्टी के बर्तनों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्माण करने के लिए नए उत्पाद और कच्चे माल का नवाचार (नवप्रवर्तन) किया जाएगा।
इससे कारीगरों की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें बेहतर अवसर मिलेंगे।
Gramodyog Vikas Yojana – सहायता का प्रकार
- व्हील पर मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण: परंपरागत कारीगरों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए व्हील का इस्तेमाल सिखाया जाएगा, जिससे उनका काम आसान और तेज़ हो जाएगा।
- प्रेस मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण: मिट्टी और गैर-मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों को प्रेस का इस्तेमाल करके बर्तन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनका उत्पादन बेहतर होगा।
- जिग्गर-जॉली प्रशिक्षण: मिट्टी और गैर-मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों को जिग्गर-जॉली तकनीक से काम करने का प्रशिक्षण मिलेगा, जो आधुनिक और तेज़ तरीका है।
- मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण: जो कुशल कारीगर मास्टर ट्रेनर बनना चाहते हैं, उन्हें प्रशिक्षकों के रूप में ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे दूसरों को भी सिखा सकें।
- उपकरणों की सहायता: कारीगरों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए व्हील, क्ले ब्लंगर और ग्रेन्युलेटर जैसे उपकरण दिए जाएंगे, जिससे उनका काम और आसान हो जाएगा।
Gramodyog Vikas Yojana – पात्रता
- आयु सीमा: 18 वर्ष से लेकर 55 वर्ष तक के कारीगर आवेदन कर सकते हैं।
- प्रशिक्षित व्यक्ति: उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो पहले से ही संबंधित गतिविधि में प्रशिक्षित हैं या पहले से इस काम में लगे हुए हैं। उनके शिक्षा और प्रोफाइल को ध्यान में रखते हुए चयन किया जाएगा।
- विशेष श्रेणियां: अनुसूचित जाति (अजा), अनुसूचित जनजाति (अजजा), महिलाएं, और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 50% आरक्षण मिलेगा।
- नए उद्योग शुरू करने के इच्छुक: जो कारीगर मिट्टी के बर्तन नहीं बनाते लेकिन इस क्षेत्र में नए उद्योग शुरू करना चाहते हैं, वे प्रेस मिट्टी के बर्तन बनाने और जिग्गर-जॉली तकनीक का प्रशिक्षण लेने के लिए चुने जा सकते हैं।
Gramodyog Vikas Yojana में आवेदन कैसे करें
- विज्ञापन के माध्यम से आवेदन: प्रायोगिक परियोजनाओं, प्रशिक्षण प्राप्त करने, या मशीनों की स्थापना में रुचि रखने वाले लाभार्थियों या स्व-सहायता समूहों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसके लिए केवीआईसी (खादी और ग्रामोद्योग आयोग) के राज्य/प्रभागीय निदेशकों द्वारा स्थानीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति इन विज्ञापनों का उत्तर देकर आवेदन कर सकते हैं।
- संपर्क करना: अधिक जानकारी प्राप्त करने और आवेदन प्रक्रिया को समझने के लिए संबंधित राज्य कार्यालय, केवीआईसी से संपर्क करें।
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Gramodyog Vikas Yojana – किससे संपर्क करें
यदि आप इस योजना के लिए संपर्क करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए विवरण का उपयोग कर सकते हैं:
- राज्य निदेशक: आप अपने राज्य के निदेशक से संपर्क कर सकते हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के राज्य कार्यालय का पता और संपर्क जानकारी www.kviconline.gov.in पर उपलब्ध है।
- संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केवीआईसी, मुंबई:
- दूरभाष: 022-26714370
- ई-मेल: ykbaramatikar.kvic@gov.in
इन संपर्क सूचनाओं का उपयोग करके आप योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
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