Bal Shramik Vidya Yojana 2024 (BSVY) गरीब बच्चों के लिए सरकार देगी 14400 रुपये तक की आर्थिक मदद , जानें ऑनलाइन आवेदन, रजिस्ट्रेशन और आवश्यक शर्ते , कागजात

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 विवरण-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिक विद्या योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य गरीब बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, श्रमिकों के बच्चों को हर साल 14,400 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना का लक्ष्य है कि गरीब परिवारों के बच्चे अपनी शिक्षा को बिना किसी आर्थिक बाधा के जारी रख सकें और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।

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विषयविवरण
योजना जारी करने वाला राज्यउत्तर प्रदेश
लाभार्थी श्रेणीश्रमिकों के बच्चों को
योगदान राशिRs 14400/साल
आवेदन का प्रकार Online

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना का लाभ

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार: इस योजना से बच्चों की शिक्षा में सुधार होता है और उनकी पढ़ाई में रुकावटें कम होती हैं।

आर्थिक सहायता: आर्थिक मदद से बच्चों के स्कूल की फीस, किताबें, और अन्य शैक्षणिक सामग्री खरीदने में आसानी होती है।

समाज में सुधार: शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता बढ़ती है और बच्चों के भविष्य में सुधार होता है।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना के लिए योग्यता

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना का उदेश्य

बाल श्रमिक विद्या योजना का उद्देश्य 8-18 आयु वर्ग के कामकाजी बच्चों और किशोर-किशोरियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत, ऐसे बच्चों और किशोरों की आय की क्षतिपूर्ति की जाएगी ताकि वे स्कूल में प्रवेश कर सकें और उनकी शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रकार, यह योजना न केवल बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देती है, बल्कि उन्हें श्रम से मुक्त कराकर उनके सर्वांगीण विकास में भी सहायक होती है।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना में परिवार की अर्हता

श्रमिक विद्या योजना विशेष रूप से उन परिवारों के बच्चों को लाभ प्रदान करती है जो विभिन्न सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे परिवारों के बच्चे जो निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं, योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

  1. माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु हो चुकी हो:
    • ऐसे बच्चे जिनके माता, पिता या दोनों की मृत्यु हो चुकी हो, वे इस योजना के पात्र हैं।
  2. माता या पिता अथवा दोनों स्थाई रूप से विकलांग हो:
    • ऐसे बच्चे जिनके माता, पिता या दोनों स्थाई रूप से विकलांग हैं, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
  3. महिला या माता परिवार की मुखिया हो:
    • ऐसे बच्चे जिनके परिवार की मुखिया एक महिला या उनकी माता हैं, वे इस योजना के तहत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
  4. माता या पिता अथवा दोनों किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हो:
    • ऐसे बच्चे जिनके माता, पिता या दोनों स्थाई रूप से किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हैं, वे भी योजना के लाभार्थी हो सकते हैं।
  5. भूमिहीन परिवार:
    • ऐसे बच्चे जिनके परिवार भूमिहीन हैं और किसी भी प्रकार की जमीन या संपत्ति नहीं रखते, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना में आच्छादित जिले

श्रमिक विद्या योजना का प्रथम चरण उन 20 जिलों पर केंद्रित है जहाँ 2011 की जनगणना के अनुसार सर्वाधिक कामकाजी बच्चों की संख्या पाई गई थी। ये जिले बाल श्रम से अधिक प्रभावित हैं और योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर इन्हें शामिल किया गया है। ये जिले हैं:

  1. आगरा
  2. प्रयागराज
  3. कानपुर नगर
  4. बलिया
  5. लखनऊ
  6. बाराबंकी
  7. बरेली
  8. बदायूं
  9. गाजियाबाद
  10. गोरखपुर
  11. गोंडा
  12. श्रावस्ती
  13. बलरामपुर
  14. बहराइच
  15. मुरादाबाद
  16. सोनभद्र
  17. मिर्जापुर
  18. जौनपुर
  19. वाराणसी
  20. गाजीपुर

श्रमिक विद्या योजना का लक्ष्य इन 20 जिलों में प्रति जिले 100 लाभार्थियों की दर से कुल 2000 कामकाजी बच्चों को लाभान्वित करना है। इसका उद्देश्य बाल श्रम को कम करना और कामकाजी बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना में चयन प्रक्रिया:

श्रमिक विद्या योजना के तहत कामकाजी बच्चों के चयन की प्रक्रिया को विभिन्न चरणों में विभाजित किया गया है, जो सुनिश्चित करता है कि पात्र बच्चों का सही ढंग से चयन किया जा सके। यहाँ चयन प्रक्रिया का विवरण दिया गया है:

  1. माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु हो गई हो:
    • पहचान: कामकाजी बच्चों की पहचान ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी, चाइल्ड लाइन या विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा की जाएगी।
    • संकलन: अधिकारी/नगर स्वास्थ्य अधिकारी और चाइल्ड लाइन द्वारा संकलित जानकारी को संबंधित क्षेत्रीय अपर/उप/सहायक श्रम आयुक्त/श्रम प्रवर्तन अधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा।
    • स्वीकृति: क्षेत्रीय अपर/उप श्रम आयुक्त द्वारा अंतिम रूप से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा और उन्हें ई-ट्रैकिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।
  2. माता या पिता अथवा दोनों स्थाई रूप से दिव्यांग हो:
    • पहचान: बच्चों की पहचान ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों, चाइल्ड लाइन या विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा श्रम विभाग द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र के आधार पर की जाएगी।
  3. माता या पिता अथवा दोनों किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हो:
    • साक्षात्कार: गंभीर असाध्य रोग के प्रमाण पत्र के आधार पर, जो मुख्य चिकित्साधिकारी/चिकित्साधिकारी द्वारा जारी किया गया है, परिवारों की पहचान की जाएगी।
    • संस्तुति: ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों के अधिशासी अधिकारी/नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जोनल अधिकारी चाइल्ड लाइन और विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा परिवारों की संस्तुति की जाएगी।
  4. भूमिहीन परिवारों व महिला प्रमुख परिवार:
    • सूची का उपयोग: जनगणना वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (SECC) की सूची का उपयोग किया जाएगा।
    • पहचान: इस सूची में से कामकाजी बच्चों के परिवारों की पहचान संबंधित क्षेत्र की विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा की जाएगी।
  5. सर्वेक्षण/निरीक्षण:
    • चिन्हीकरण: श्रम विभाग के अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र में सर्वेक्षण/निरीक्षण के माध्यम से निर्धारित अर्हता वाले कामकाजी बच्चों को चिन्हित करेंगे।
  6. अनुशंसा और अपलोड:
    • अनुशंसा: कामकाजी बच्चों को लाभार्थी के रूप में सम्मिलित करने की अनुशंसा ग्राम पंचायत सचिव/ग्राम विकास अधिकारी/स्थानीय निकायों के अधिशासी अधिकारी/नगर स्वास्थ्य अधिकारी और चाइल्ड लाइन द्वारा की जाएगी।
    • संकलन: अनुशंसित सूची को संबंधित क्षेत्रीय अपर/उप/सहायक श्रम आयुक्त/श्रम प्रवर्तन अधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा।
    • स्वीकृति: क्षेत्रीय अपर/उप श्रम आयुक्त द्वारा अंतिम रूप से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा और उन्हें ई-ट्रैकिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।

श्रमिक विद्या योजना के तहत आर्थिक सहायता और लाभार्थियों की ई-ट्रैकिंग की व्यवस्था इस प्रकार है:

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना में आर्थिक सहायता:

  1. मासिक सहायता:
    • बालक: प्रत्येक माह 1000 रुपये
    • बालिका: प्रत्येक माह 1200 रुपये
  2. वार्षिक सहायता:
    • बालक: प्रति वर्ष 12,000 रुपये
    • बालिका: प्रति वर्ष 14,400 रुपये
  3. प्रोत्साहन राशि:
    • कक्षा-8 उत्तीर्ण: 6000 रुपये
    • कक्षा-9 उत्तीर्ण: 6000 रुपये
    • कक्षा-10 उत्तीर्ण: 6000 रुपये
    ये प्रोत्साहन राशि उन लाभार्थियों को दी जाएगी जो योजना के अंतर्गत कक्षा-8, 9 और 10 तक की शिक्षा प्राप्त करते हैं।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना लाभार्थियों की ई-ट्रैकिंग:

  1. ऑनलाइन ई-ट्रैकिंग सिस्टम:
    • सभी लाभार्थियों का विवरण ऑनलाइन ई-ट्रैकिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।
    • ई-ट्रैकिंग सिस्टम को यूनीसेफ द्वारा श्रम और शिक्षा विभाग के सहयोग से तैयार किया जाएगा।
  2. न्यूनतम उपस्थिति:
    • योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए विद्यालय में न्यूनतम 70 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
    • ई-ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से विद्यालय के प्रधानाध्यापक को लाभार्थी की नियमित उपस्थिति को प्रमाणित करना होगा।

लाभार्थी की जिम्मेदारियां:

  • शिक्षा: लाभार्थियों को कक्षा-8, 9, और 10 की शिक्षा को पूरा करना होगा और उत्तीर्ण करना होगा।
  • उपस्थिति: लाभार्थियों को विद्यालय में न्यूनतम 70 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी, जिसे ई-ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से मॉनिटर किया जाएगा।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना का अनुश्रवण एवं समीक्षा

योजना का अनुश्रवण एवं समीक्षा:

  1. प्रत्येक माह:
    • संबंधित सहायक श्रम आयुक्त/श्रम प्रवर्तन अधिकारी और अपर/उप श्रम आयुक्त अपने स्तर पर योजना के क्रियान्वयन और प्रगति की समीक्षा करेंगे।
  2. प्रत्येक दो माह में:
    • अपर/उप श्रम आयुक्त और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपदीय बाल श्रम उन्मूलन समिति की बैठक में योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी।
    • स्थानीय स्तर पर योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का निवारण इसी बैठक के माध्यम से किया जाएगा।
  3. विभागाध्यक्ष के स्तर पर:
    • श्रम आयुक्त उत्तर प्रदेश के स्तर पर क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी।
  4. शासन स्तर पर:
    • प्रत्येक छमाही प्रदेश शासन के स्तर पर राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में योजना की समीक्षा प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा की जाएगी.
  5. प्रवेशित कामकाजी बच्चों की विद्यालय में निरंतरता:
    • विद्यालय प्रबंधन समिति और बेसिक शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कामकाजी बच्चे विद्यालय में निरंतर उपस्थिति बनाए रखें।
  6. आर्थिक सहायता के अतिरिक्त अन्य सरकारी सामाजिक सुरक्षाओं से संबंधित लाभ उपलब्ध कराने का दायित्व:
    • जिला पंचायत अधिकारी
    • जिला विकास अधिकारी
    • जिला कार्यक्रम अधिकारी
    • डूडा (डिस्ट्रिक्ट रूरल डेवलपमेंट एजेंसी)
    • स्थानीय निकायों के अधिशासी अधिकारी
  7. सरकारी सामाजिक सुरक्षाओं से संबंधित लाभ दिए जाने की समीक्षा:
    • प्रत्येक दो माह में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा की जाएगी।
  8. मासिक प्रगति विवरण:
    • क्षेत्रीय अपर/उप श्रम आयुक्त द्वारा योजना की प्रगति की मासिक रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर श्रम आयुक्त कार्यालय उत्तर प्रदेश कानपुर में बाल श्रम प्रकोष्ठ को प्रदान की जाएगी।

Bal Shramik Vidya Yojana 2024 योजना का अन्य हित लाभ

श्रमिक विद्या योजना के तहत पात्र कामकाजी बच्चों और उनके परिवारों को केवल आर्थिक लाभ ही नहीं, बल्कि विभिन्न सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भी लाभ प्राप्त होगा। ये योजनाएं निम्नलिखित हैं:

  1. विधवा पेंशन:
    • विधवा महिलाओं को मासिक पेंशन प्रदान की जाती है जो आर्थिक रूप से उन्हें सहायता करती है।
  2. दिव्यांग पेंशन:
    • दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक सहायता के रूप में पेंशन प्रदान की जाती है, जो उनकी जीवन यापन में सहायक होती है।
  3. वृद्धावस्था पेंशन:
    • वृद्धावस्था पेंशन उन बुजुर्गों को दी जाती है जो अपनी आय के साधनों से वंचित हैं और आर्थिक सहायता की आवश्यकता होती है।
  4. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत देय लाभ:
    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ते दरों पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाते हैं।
  5. प्रधानमंत्री आवास योजना:
    • इस योजना के अंतर्गत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को किफायती और स्वामित्व वाले आवास उपलब्ध कराए जाते हैं।
  6. अटल पेंशन योजना:
    • इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक सुनिश्चित पेंशन का लाभ मिलता है, जो उनके वृद्धावस्था में काम आता है।
  7. आम आदमी बीमा योजना:
    • इस योजना के माध्यम से बुनियादी जीवन बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है जो आकस्मिक दुर्घटनाओं और मृत्यु के मामलों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है.
  8. प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति:
    • विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्तियाँ उन छात्रों के लिए होती हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और शिक्षा प्राप्त करने में सहायता की आवश्यकता होती है।

बाल श्रमिक विद्या योजना की प्राथमिकता श्रेणियाँ:

  1. प्रथम श्रेणी:
  • प्राथमिकता: सबसे अधिक प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाएगी जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो और जिनकी आय का मुख्य स्रोत उनके द्वारा किए गए कार्य से प्राप्त होता हो। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो।
  1. द्वितीय श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी हो और जो परिवार की आर्थिक स्थिति में योगदान देने के लिए काम कर रहे हैं। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण में चिन्हित किया गया हो।
  1. तृतीय श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके माता-पिता दोनों स्थायी रूप से दिव्यांग हैं और जो परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो।
  1. चतुर्थ श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके माता-पिता किसी असाध्य रोग से ग्रसित हैं और जो परिवार की आर्थिक सहायता के लिए काम कर रहे हैं। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो।
  1. पंचम श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके पिता स्थायी रूप से दिव्यांग हैं और जो परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो।
  1. षष्टम् श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके पिता किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हैं और जो परिवार की आर्थिक स्थिति में योगदान देने के लिए काम कर रहे हैं। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो.
  1. सप्तम श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके परिवार की मुखिया महिला या माता हैं और जो परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए काम कर रहे हैं। ध्यान दें कि परिवार की मुखिया महिला वह होगी जिनके पति की मृत्यु हो चुकी हो या जो तलाकशुदा हो और जिन पर परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो।
  1. अष्ठम श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके माता की मृत्यु हो चुकी हो, माता स्थायी रूप से दिव्यांग हो, या माता किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हो।
  1. नवम श्रेणी:
  • प्राथमिकता: उन बच्चों को दी जाएगी जिनके परिवार भूमिहीन हैं और जो परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। बच्चे को कामकाजी बच्चे के रूप में निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से चिन्हित किया गया हो।

इन प्राथमिकता श्रेणियों के माध्यम से योजना यह सुनिश्चित करती है कि सबसे जरूरतमंद और अति-पात्र बच्चों को पहले प्राथमिकता दी जाए, जिससे उनका जीवन और शिक्षा सुधारने में मदद मिल सके।

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